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सोचने वाली बात है!

राम, हिंदू धर्म का सबसे पवित्र नाम | हर धर्म में यह अलग अलग तरीके से लिया जाता है मुस्लिम इन्हें अली, सिख इन्हें वाहेगुरु तो ईसाई इन्हें जीसस पुकारते है। इनके ठिकाने भी धर्म के अनुसार ही हैं मंदिर में बैठते तो हिंदुओं के राम, मस्जिद में बैठते तो मुस्लिम अली, गुरुद्वारे में वाहेगुरु व चर्च में जीसस। हर इंसान अपने दुखों की फरियाद लेकर इनके पास ही जाता है और खुशी-खुशी वापस अपने घर लौट कर आता है इसी उम्मीद और विश्वास के साथ कि अल्लाह, भगवान, वाहे गुरु, जीसस ने मेरी पुकार सुन ली और अब मेरा काम बन जाएगा। यह तो बात हुई इंसानों के दुख उन पर आए संकट व उसके निवारण की, पर कभी सोचा है कि अगर भगवान पर कुछ संकट आए तो क्या होता होगा? तब वह किसके पास अपनी फरियाद लेकर जाते होंगे? अब आप कहेंगे यह कैसे संभव भगवान ही तो हमारे सुख-दुख बांटते है तो वह कैसे दुखी होंगे? जवाब यह है कि दुखी नहीं होते हैं, पर जब उनके नाम पर हम (इंसान जो भगवान का इस पृथ्वी को दिया गया सबसे नायाब तोहफा) आपस में लड़े तो क्या भगवान खुश रह पाएंगे? सोचिए एक मां के दो बेटे हैं और इस पूरी पृथ्वी पर वे तीनों ही जीवित हैं अगर दोनों बेटे आपस में लड़ने लगे तो? सोचने वाली बात है ना! इसको लिखते हुए मुझे बरसों पुराने गीत याद आया गीतकार साहिर लुधियानवी जी का गीत 1959 में आई फिल्म दीदी का है उसके कुछ बोल - 
वही है जब कुरान का कहना,
जो है वेद पुराण का कहना,
फिर यह शोर शराबा क्यों है,
इतना खून खराबा क्यों है,
अपने वतन में।
बस 1959 से आज तक यह पंक्तियां मिटी ही नहीं। सोचने वाली बात है ना?

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद
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3 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

Good thinking bro. Very well

ramkanwar ने कहा…

aabhar bhai

Unknown ने कहा…

Tq

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