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शुभ विचार

™जब बच्चा रोता है , तो पूरी बिल्डिंग  को पता चलता है , मगर साहब ,जब  माँ बाप रोते है तो बाजुवाले को भी पता नही चलता है,ये जिंदगी की सच्चाई है....®

ramkanwar.blogspot.inशुभ विचार 

जिंदगी में सपने उस किताब के पन्नो की तरह होते हे जिन्हे हम बिना पढ़े ही पलट देते हे 
और सपनो को भी बिना सोचे ही भूल जाते है और वापस सो जाते है। 
                                                                                      रामकंवार पारासरिया 8696170664
                                                                                                        writer 
                                                                                             rpjat756704@gmail.com
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कुछ लोग हमेशा हमारी मज़ाक बनाते है तो हमे उनसे रूठकर नहीं बल्कि यह सोच कर आगे बढ़ना चाहिए की वह हमारा मज़ाक क्यों बना रहे है हममे क्या कमी है और उस कमी को पूरा करने की कोशेिश करें, ।
रामकंवार पारासरिया 8696170664 
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सफल होने के लिऐ हमेशा भाग्य के भरोसे मत रहो ।
 सफल होने  लिऐ महेनत करो और फिर देखो भाग्य तुम्हारा साथ कैसे देता है ।
रामकंवार पारासरिया 8696170664
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ना नशा करो ना वार करो 
यदि संसार में कुछ करना है तो सभी से प्यार करो 
रामकंवार पारासरिया 8696170664
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1) जिसके पास धैर्य है, वह जो कुछ इच्छा करता है, प्राप्त कर सकता है | फ्रैंकलिन
2) दो धर्मों का कभी भी झगड़ा नहीं होता | सब धर्मों का अधर्मो से ही झगड़ा है | –  विनोबा भावे
3) मानव के कर्म ही उसके विचारों की सर्वश्रेष्ट व्याख्या हैं | – लॉक
4) दुःख भोगने से सुख के मूल्य का ज्ञान होता है | – शेख सादी
5) कुछ न कुछ कर बैठने को ही कर्तव्य नहीं कहा जा सकता कोई समय ऐसा भी होता है, जब कुछ  न करना ही सबसे बड़ा कर्तव्य माना जाता है | – रवीन्द्रनाथ ठाकुर
6) क्रोध मुर्खता से शुरु होता है और पश्चाताप पर खत्म होता है | – पैथागोरस
7) जब क्रोध आये, तो उसके परिणाम पर विचार करो | – कन्फ्यूशस
8) भार हल्का हो जाता है, यदि प्रसन्नतापूर्वक उठाया जाए | – ओविड
9) उस इन्सान से ज्यादा गरिब कोई नहीं है, जिसके पास केवल पैसा है | – एडबिन पग
10) अपनी गलती स्वीकार कर लेने में लज्जा की कोई बात नहीं है | इससे, दुसरे शब्दों में, यही प्रमाणित होता है कि बीते हुए कल की अपेक्षा आज आप अधिक बुद्धिमान हैं | – अलेक्जेन्डर पोप


11) जिस प्रकार बिना घिसे हीरे पर चमक नहीं आती, ठिक उसी तरह बिना गलतियाँ किये मनुष्य सपूर्ण नहीं बनता | – चीनी कहावत
12) चिन्ता ने आज तक कभी किसी काम को पूरा नहीं किया | – स्वेट मार्डन
13) महत्व इसका नहीं है कि हम कब तक जीते हैं; महत्त्व की बात तो यह है कि हम, कैसे जीते हैं |
14) दोषभरी बात यदि यथार्थ है, तब भी नहीं करना चाहिए, जैसे अंधे को अंधा कहने पर तकरार हो जाती है | – डिजरायली
15) तीन विश्वासी मित्र होते हैं; वृद्धा पत्नी, बुढा कुत्ता और नकद धन | – फ्रैंकलिन
16) जो मित्रता में से आदर निकाल देता है, वह मित्रता का सबसे बड़ा आभूषण उतार देता है | – सिसरो
17) पैसेवाले पैसे की कदर क्या जानें ? पैसे की कदर तब होती है, जब हाथ खाली हो जाता है | तब आदमी एक-एक कौड़ी दाँत से पकड़ता है | – प्रेमचन्द
18) कर्तव्य ही ऐसा आदर्श है, जो कभी धोखा नहीं दे सकता | – प्रेमचन्द्र
19) धैर्य एक कडुवा पौधा है, पर पर फल मीठे आते हैं | – जर्मन कहावत

20) मानसिक पीड़ा शारीरिक पीड़ा की अपेक्षा अधिक कष्टदायक होती  है | – साइरस
अगर जिन्दगी से बहुत ज्यादा परेशान हो तो एक लंबी सी रस्सी लो और उसे पेड़ पर बांध दो,,,,,,,,,,,,,
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न,,,न,,,,न,,, आत्महत्या नही करनी भाई,,,,,,उसका झूला बनाओं और आराम से झुला झुलो ,
जिन्दगी के पंगे तो ऐसे ही चलते रहेंगे,,
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बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे 
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...

वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...

आज पता चलता है, 
दरअसल वो पतंग नहीं थी; 
एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...

शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!

 जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था... 
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

 आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है... 
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है... 

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!


जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |

जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..


जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |


सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |

On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |


फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |


 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |


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सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?


और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?


ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो


भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..
Bachpan ki storyes 


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बचपन कि ये लाइन्स .
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे ..
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!


▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

***********

▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

************

▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।

**********

▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।

**********

▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।

**********

▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला, 
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।

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▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट
   ****** 





































































































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