उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो*
*छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब तक करोगे*iघमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती हे*
*शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती ह
[#मोहब्बत में यही #खौफ क्यों #हरदम_रहता है, ☝
कही #मेरे_सिवा #किसी_और से तो #मोहब्बत नहीं #उसे ।।
[उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,
ऐसा लगता है भूल रहा है कोई मुझे धीरे धीरे,..!
[तुझसे # दूर जाने का तो
कोई # इरादा नहीं था
पर # रूकते भी कैसे
जब तू ही हमारा ना था
तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं।
जिस शख्स की वजह से हमें प्यार पर भरोसा होता है,
इससे नफ़रत कराने वाला भी वही शख्स होता है !!
बे-हद प्यार किया था उसे बे-इंतेहा चाहत के साथ,
बे-वजह छोड़ दिया उसने बे-इंतेहा दर्द के साथ !
दिल उठ सा गया है इन बे-रंग लोगों से,
ना वफ़ा करते है और ना रिहा करते है !
बहक जाने देँ मुझे मेरे
यार की मोहब्बत में
ये वो नशा है जो .मेरे
सर से कभी उतरता नही
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Zindagi Shayari on Milne Ka Maza
तू रख वो हौसला वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास चल कर समुन्दर भी आएगा,
थक हार के ना रूकना- ए- मंजिल के मुसाफिर,
मंजिल भी मिलेगी~ मिलने का मजा भी आएगा.
प्यासे के पास चल कर समुन्दर भी आएगा,
थक हार के ना रूकना- ए- मंजिल के मुसाफिर,
मंजिल भी मिलेगी~ मिलने का मजा भी आएगा.
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ,
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता,
मैं नेकी कर तो देता हूँ, जताना भूल जाता हूँ..
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ,
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता,
मैं नेकी कर तो देता हूँ, जताना भूल जाता हूँ..
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